RUPAULI विधानसभा चुनाव में विमा भारती और जदयू उम्मीदवार मंडल के बीच मुकाबला

 RUPAULI विधानसभा चुनाव में विमा भारती और जदयू उम्मीदवार मंडल के बीच मुकाबला है। वहाँ आरजेडी surrender कर चुकी है और pappu yadav ने इंडिया गठबंधन की कमान सम्भाल ली है.


 

 विमा को समर्थन का एलान भी कर दिया है। इसका मतलब जिसे जो निकालना है वो निकाल सकता है। लेकिन विमा वहाँ जीत गयी तो जीत pappu yadav की मानी जाएगी क्यूंकि बिना उनके विमा और आरजेडी के लिए मुकाबले में बने रहना मुश्किल है।

 तभी कुछ लोग pappu के इस स्टैंड के उनकी राजनीतिक भूल बता रहे और कुछ इसे आरजेडी के सामने surrender करने की संज्ञा दे रहे लेकिन हकीकत इससे अलग है, विमा को समर्थन देकर pappu yadav बड़ी लकीर खींच दी है। राजनीति में इसे ग्रो sympathy कहा जा सकता है। 

pappu yadav को पूर्णिया में राजनीति करनी है उनके लिए यह जरूरी है कि लाइक minded राजनीति करने वालों के हाथ में विधानसभा सभा की राजनीति रहे जदयू के साथ साथ बीजेपी और आरजेडी कॉंग्रेस को उन्होंने लोकसभा चुनाव में मात दी लेकिन ये सम्भव तब हुआ जब इंडिया गठबंधन के supporter ने महसूस किया कि pappu yadav के साथ अन्याय हुआ है परिणाम इंडिया घटक के वोटर pappu के साथ हो गए और आरजेडी के उम्मीदवार खाली हो गए। 

इसमे विमा भारती का कोई दोष नहीं माना जा सकता क्यूंकि वे जदयू से आरजेडी में आयी थी और आरजेडी नेतृत्व ने उन्हें पूर्णिया से लड़ने को कहा और वे लड़ने को तैयार हो गयी। वर्तमान में pappu yadav जो कर रहे उसके पीछे इंडिया गठबंधन के वोटर की स्वीकार्यता  और सहमती है,  उन्होंने विमा को समर्थन देकर वोटर की मन की बात की है 

इससे pappu की राजनीतिक जमीन और पुख्ता हुई है उनका सम्मान बढ़ा है। चुनाव में हार जीत अपनी जगह है लेकिन जनता की इच्छा के अनुरूप राजनीति करने वाले नेताओं को वे हाथों हाथ लेते है और pappu yadav ने ऐसा कर अपनी राजनीतिक परिपक्वता का सबूत दिया है जो उन्हें आगे की राजनीति में सहायक साबित होगा

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